तेरे शहर में आके हम कितने मजबूर हो गए,
अजनबियों से नजदीकियां बढ़ी, अपनों से दूर हो गए !
चांदनी रातें जो कभी दिल को दस्तक देने लगी
चाँद को देखा तेरे दीदार मेरे हुजूर हो गए !
हुस्न-ए-अजल बेपर्दा होकर छत पे क्या आयी
पशेमा होके सितारें भी मस्तूर हो गए !
कासिद की चाल देख ये महसूस हो रहा है
मतालबा शायद मेरे मंजूर हो गए !
अंग्रेजी , अंग्रेजी , अंग्रेजी , अंग्रेजी
हमलोग अपनी हिंदी से कितनी दूर हो गए !
क्या बेपनाह लुत्फ़ थी साकी तेरी नज़र में
हम बेपिए ही नशे में जैसे चूर हो गये !
हर शख्श की जुबां पे आपका ही ज़िक्र है
"अभिजीत " आप तो बहुत मशहूर हो गए !